Monday, April 9, 2012

एक स्त्री के समंदर में बदलने की कथा

कभी सुबह ने शाम से कहा था
हमारे बीच पूरा का पूरा दिन है
हमारा साथ सम्भव नहीं
वैसे ही उसने उससे कहा
हमारे बीच पूरी की पूरी दुनिया है

यह सुनते ही
वह भागा उससे दूर
दूर बहुत दूर
भागता रहा भागता रहा
और भागते भागते नदी में बदल गया
उसका भागना पानी के बहने में बदल गया

बहुत दिनों बाद किसी ने
एक स्त्री के समंदर में बदलने की कथा सुनाई
वह स्त्री एक पुरुष का नदी में बदलना सुनकर
समंदर में बदलने चली गई
और तब से नदियाँ समंदर की ओर बहने लगीं

2 comments:

  1. वाह...........
    अद्भुत कल्पना शीलता....

    लाजवाब...

    सादर.

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  2. सारी नदियाँ समुद्र से मिलने को आतुर रहती हैं

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