Monday, August 1, 2011

बंद आँखों से दिखने का करिश्मा

प्यार एक जगह है
जिसका भूगोल तुम्हारी स्मृतियों से बना है

याद की गली के पार वो खेत बारिश से तर है
जहाँ हमने चुंबन के धान रोपे हैं
और तब से ही धानी रंग की चमक मेरी आँखों के कोर से झर रही है

इस नुक्कड़ पर लगे इमली के पेड़ के फूल अब मेरी पलकों पर खिलते हैं
और स्वाद तुम्हारे होठों में भरा है

स्वाद के इस खट्टेपन से बंद आँखों को हम ही दिखते हैं
बंद आँखों से दिखने का यह करिश्मा
सिर्फ इन्हीं गलियों में संभव है

3 comments:

  1. प्यार का भूगोल, आशाओं के पहाड़, आँसुओं के सागर।

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  2. बहुत सुन्दर.

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