तुम बैठो कुर्सी पर आराम से टेक लगाकर
मैं बैठूँ पैरों के पास
और अपना सिर तुम्हारे घुटनों पर रख लूँ
तुम्हारे घुटने जिस रोशनी से चमकते हैं
मैं उस तिलिस्म को चूम लूँ
मैं उन पाँवों को चूम लूँ
जिन पर तुम्हारी यह प्यारी ताम्बई देह थमी है
लाख के लाल कनफूल और हरा कुर्ता पहने
तुम मुझ पर झुको गुलमोहर बनकर
और मैं एक बच्चे की तरह उचक कर तुम्हारे फूलों को चूम लूँ
इस अड़तीसवें साल में
बस, बस इतनी सी इच्छा रखता हूँ
Friday, August 20, 2010
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tumhara tilism aur tum. sundar pramod.badhai.
ReplyDeleteसाल कोई भी हो.. कुछ इच्छायें हमेशा बहुत प्यारी होती हैं..
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